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आइवी अस्पताल ने हड्डी रोग, रीढ़ की हड्डी और जोड़ों प्रतिस्थापन, के लिए की इंस्टिट्यूट की स्थापना

<p style=”text-align: justify; “><span style=”font-weight: bold; color: rgb(255, 0, 0);”>मोहाली :</span> उत्तर भारत के सबसे अधिक विस्तार कर रहे हस्पतालों में से एक, आइवी हस्पताल ने ओर्थोपेडिक्स, स्पाइन व् जॉइंट रिप्लेसमेंट के लिए एडवांस्ड इंस्टिट्यूट की स्थापना की | आइवी ग्रुप के चेयरमैन श्री गुरतेज सिंह ने बताया की आइवी का उद्शेय हड्डीओं के रोगों के इलाज के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र को स्थापित करना है जहाँ पर हर प्रकार के विकारों का इलाज हो सके। </p><p style=”text-align: justify; “>उन्होंने कहा की हालाँकि आइवी में ओर्थोपेडिक्स विभाग था लेकिन अब इंस्टिट्यूट में प्र्तेक प्रकार की शल्य व् गैर शल्य चिक्तिसा का प्रभंद किया गया है ताकि सर्वाधिक संगठित एवं विस्तृत ओर्थपेडीक विकारों का इलाज किया जा सके. </p><p style=”text-align: justify; “>आइवी इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओर्थोपेडिक्स में अब सभी प्रकार की चकित्सिक सुविधाएँ उपलब्ध है चाहे वह हड्डीओं व् जोड़ों से सम्भदित किसी प्रकार की विकृति हो, यां फिर रीढ़ की हड्डी, हड्डीओं के कैंसर, खेलों से जुडी चोटें, गठिया, हड्डीओं के विकारों को सुधारात्मक इलाज करना हो जिसके लिए न केवल सीनियर डाक्टरों की टीम उपस्थित है बलिक हर प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध हैं. </p><p style=”text-align: justify; “>गुरतेज सिंह जी ने यह भी कहा कि आइवी हस्पताल आज पंजाब में मोहाली के इलावा अमृतसर, खन्ना, होशिअरपुर, नवांशहर में स्तिथ है और इस प्रगति का मूल कारण है आइवी की नैतिक  प्रतिबद्धता कि प्र्तेक व्यक्ति को उपयुक्त दरों पर इलाज  किया जाए।</p><p style=”text-align: justify; “>इस मोके पर उन्होंने इंस्टिट्यूट की सुपर स्पेशलिस्ट टीम से परिचय करवाया जिनमे शामिल हैं, ओर्थोपेडिक्स निदेशक डॉ विकास मेहरा, डॉ मानपाल सिंह नरूला, डॉ जसप्रीत सिंह, डॉ अमर और डॉ सुमित महाजन ।</p><p style=”text-align: justify; “>उन्होंन ने बताया कि रोगियों की सम्पूर्ण देखभाल व् इलाज हेतु  नर्सेज, पेरामेडिकल और फीजिओथेरपिस्टस की एक समर्पित टीम भी इसमें शामिल है मोहाली : उत्तर भारत के सबसे अधिक विस्तार कर रहे हस्पतालों में से एक, आइवी हस्पताल ने ओर्थोपेडिक्स, स्पाइन व् जॉइंट रिप्लेसमेंट के लिए एडवांस्ड इंस्टिट्यूट की स्थापना की | आइवी ग्रुप के चेयरमैन श्री गुरतेज सिंह ने बताया की आइवी का उद्शेय हड्डीओं के रोगों के इलाज के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र को स्थापित करना है जहाँ पर हर प्रकार के विकारों का इलाज हो सके। </p><p style=”text-align: justify; “>उन्होंने कहा की हालाँकि आइवी में ओर्थोपेडिक्स विभाग था लेकिन अब इंस्टिट्यूट में प्र्तेक प्रकार की शल्य व् गैर शल्य चिक्तिसा का प्रभंद किया गया है ताकि सर्वाधिक संगठित एवं विस्तृत ओर्थपेडीक विकारों का इलाज किया जा सके. </p><p style=”text-align: justify; “>आइवी इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओर्थोपेडिक्स में अब सभी प्रकार की चकित्सिक सुविधाएँ उपलब्ध है चाहे वह हड्डीओं व् जोड़ों से सम्भदित किसी प्रकार की विकृति हो, यां फिर रीढ़ की हड्डी, हड्डीओं के कैंसर, खेलों से जुडी चोटें, गठिया, हड्डीओं के विकारों को सुधारात्मक इलाज करना हो जिसके लिए न केवल सीनियर डाक्टरों की टीम उपस्थित है बलिक हर प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध हैं. </p><p style=”text-align: justify; “>गुरतेज सिंह जी ने यह भी कहा कि आइवी हस्पताल आज पंजाब में मोहाली के इलावा अमृतसर, खन्ना, होशिअरपुर, नवांशहर में स्तिथ है और इस प्रगति का मूल कारण है आइवी की नैतिक  प्रतिबद्धता कि प्र्तेक व्यक्ति को उपयुक्त दरों पर इलाज  किया जाए।</p><p style=”text-align: justify; “>इस मोके पर उन्होंने इंस्टिट्यूट की सुपर स्पेशलिस्ट टीम से परिचय करवाया जिनमे शामिल हैं, ओर्थोपेडिक्स निदेशक डॉ विकास मेहरा, डॉ मानपाल सिंह नरूला, डॉ जसप्रीत सिंह, डॉ अमर और डॉ सुमित महाजन ।</p><p style=”text-align: justify; “>उन्होंन ने बताया कि रोगियों की सम्पूर्ण देखभाल व् इलाज हेतु  नर्सेज, पेरामेडिकल और फीजिओथेरपिस्टस की एक समर्पित टीम भी इसमें शामिल है.</p><p style=”text-align: justify; “>गुरतेज सिंह ने कहा कि डॉक्टर्स की टीम को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी, बोन ट्यूमर सर्जरी, जॉइंट रिप्लेसमेंट, जॉइंट रिकंस्ट्रक्शन, जोड़ों और हड्डीओं के हर प्रकार के विकारों को ठीक करने, बच्चों की हड्डीओं के इलाज, ट्रॉमा और पुनर्वासन सेवाएं प्रदान करने में व्यापक अनुभव है ।</p><p style=”text-align: justify; “>साथ ही, आइवी इंस्टिट्यूट ने एक अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर भी स्थापित किया है जिसमे जटिल सर्जरी डिजिटल तकनीक से की जा सकती है ।</p><p style=”text-align: justify; “>ओर्थोपेडिक्स के डायरेक्टर डॉ विकास मेहरा ने बताया के हमारी विशिष्ठता यह है कि प्र्तेक मरीज़ के लिए सर्जरी से पहले पूरी टीम विचार विमर्श कर योजना तयार करती है, और खास कर घुटनो और कूल्हे की सर्जरी से पूर्व एक डिजिटल टेम्पलेट त्यार करती है ताकि ऑपरेशन सटिकता से किया जा सके और मरीज़ को कृत्रिम और प्रकृतिक जॉइंट के बीच कोई अंतर महसूस न हो ।</p><p style=”text-align: justify; “>सीनियर कंसलटेंट डॉ मानपाल नरूला ने कहा के हमारे लिए यह महत्वपूर्ण नहीं कि कितने अधिक मरीज़ इलाज़ करवाते हैं. हमारा उदेश्ये होता है कि वह कितनी जल्द न्यूनतम असुविधा से अपने जीवन में लोट कर दिनचर्या और काम शुरू कर सके ।</p><p style=”text-align: justify; “>स्पोर्ट्स मेडिसिन के स्पेशलिस्ट डॉ सुमित महाजन ने के खेल कूद के दौरान बच्चे व् खिलाडी अक्सर चोट लगने पर उसे नज़र अंदाज़ कर देते हैं और उपयुक इलाज न करवाने की वजह से पूरी ज़िंदगी के लिए नुक्सान उठाते हैं । डॉ महाजन ने कहा के आइवी इंस्टिट्यूट में खेलकूद सम्बन्धी सभी समसयाओं का इलाज किया जाता है ।</p><p style=”text-align: justify; “>गुरतेज सिंह ने कहा कि डॉक्टर्स की टीम को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी, बोन ट्यूमर सर्जरी, जॉइंट रिप्लेसमेंट, जॉइंट रिकंस्ट्रक्शन, जोड़ों और हड्डीओं के हर प्रकार के विकारों को ठीक करने, बच्चों की हड्डीओं के इलाज, ट्रॉमा और पुनर्वासन सेवाएं प्रदान करने में व्यापक अनुभव है ।</p><p style=”text-align: justify; “>साथ ही, आइवी इंस्टिट्यूट ने एक अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर भी स्थापित किया है जिसमे जटिल सर्जरी डिजिटल तकनीक से की जा सकती है ।</p><p style=”text-align: justify; “>ओर्थोपेडिक्स के डायरेक्टर डॉ विकास मेहरा ने बताया के हमारी विशिष्ठता यह है कि प्र्तेक मरीज़ के लिए सर्जरी से पहले पूरी टीम विचार विमर्श कर योजना तयार करती है, और खास कर घुटनो और कूल्हे की सर्जरी से पूर्व एक डिजिटल टेम्पलेट त्यार करती है ताकि ऑपरेशन सटिकता से किया जा सके और मरीज़ को कृत्रिम और प्रकृतिक जॉइंट के बीच कोई अंतर महसूस न हो ।</p><p style=”text-align: justify; “>सीनियर कंसलटेंट डॉ मानपाल नरूला ने कहा के हमारे लिए यह महत्वपूर्ण नहीं कि कितने अधिक मरीज़ इलाज़ करवाते हैं. हमारा उदेश्ये होता है कि वह कितनी जल्द न्यूनतम असुविधा से अपने जीवन में लोट कर दिनचर्या और काम शुरू कर सके ।</p><p style=”text-align: justify; “>स्पोर्ट्स मेडिसिन के स्पेशलिस्ट डॉ सुमित महाजन ने के खेल कूद के दौरान बच्चे व् खिलाडी अक्सर चोट लगने पर उसे नज़र अंदाज़ कर देते हैं और उपयुक इलाज न करवाने की वजह से पूरी ज़िंदगी के लिए नुक्सान उठाते हैं । डॉ महाजन ने कहा के आइवी इंस्टिट्यूट में खेलकूद सम्बन्धी सभी समसयाओं का इलाज किया जाता है ।</p><p style=”text-align: justify; “><br></p>