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ट्राईसिटी में भीख मांगने व सामान बेचने वालों की भरमार, ट्रैफिक पुलिस का नहीं नियंत्रण

चंडीगढ़। ट्राईसिटी में ट्रैफिक लाइट्स, चौराहों, धार्मिक स्थानों पर भीख मांगने वालों तथा सामान बेचने वालों की तादाद दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। हैरानी की बात यह है कि ये लोग इतनी तादाद में कहां से आ रहे हैं। सुबह 8 से लेकर रात 9 बजे तक ये लोग खड़े मिलेंगे। ट्रैफिक लाइट्स पर रेड लाइट होने पर आप जैसे ही वाहन रोकते हैं उसी समय गाडिय़ों की भीड़ से निकलकर फेरी में सामान बेचने वाले आपकी गाड़ी का शीशा खटखटाना शुरू कर देते हैं। कई बार तो हाथ जोड़कर इन लोगों से पीछा छुड़ाना पड़ता है। यूं तो चंडीगढ़ की ट्रैफिक पुलिस का देश भर में रुतबा है कि ट्रैफिक नियमों से चंडीगढ़ पुलिस कोई समझौता नहीं करती और जरा सी गलती पर ही तुरंत चालान काटकर हाथ में थमा देती है।

मगर भीख मांगने वाले और जगह-जगह घूम कर सामान बेचने वाले लोग जब रेड लाइट होते ही गाडिय़ों की भीड़ में अचानक आ जाते हैं तब ट्रैफिक पुलिस इन्हें हटाने में कोई रोल निभाती नजर नहीं आती। कई वाहन चालकों का कहना है कि इनके अचानक सामने आने से दुर्घटना की आशंका तो बनी ही रहती है साथ ही ये लोग ट्रैफिक को भी डिस्टर्ब करते हैं। हरी बत्ती होने पर ये लोग चौक के साइड में खड़े हो जाते हैं जहां ट्रैफिक पुलिस कर्मी भी खड़े रहते हैं। कुछ जागरुक लोगों का कहना है कि जबकि चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस हर तरह से मुस्तैद रहती है फिर बड़े ताज्जुब की बात है कि ये लोग चौक के चारों ओर इतनी संख्या में कहां से आ जाते हैं तथा इन पर ट्रैफिक पुलिस का अंकुश क्यों नहीं है? सोचने वाली बात तो यह है कि ये लोग ट्राईसिटी में दिनों-दिन इतनी तादाद में कैसे बढ़ रहे हैं? इन पर लगाम न कसा जाना ट्रैफिक पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान खड़ा करता है। लोगों का कहना है कि करीब पांच-छह साल पहले भी भीख मांगने वालों और सामान बेचने वालों को यहां से खदेड़ दिया गया था। उस वक्त स्थिति काफी ठीक हो गई थी। नगर सुधार सभा, पंचकूला के चेयरमैन तरसेम गर्ग का इस संबंध में कहना है कि इन लोगों से ट्राईसिटी के लोग बेहद परेशान हैं । ये चौराहों पर अचानक सामने आ जाते हैं और हरी बत्ती होते ही एकदम से निकल जाते है । जिस के कारन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। कई बार तो इनके ट्रैफिक में फंसे रहने के कारण दोबारा रेड लाइट हो जाती है और वाहन चालक इनकी वजह से ऑफिस या अपने काम पर जाते समय लेट हो जाते हैं। गर्ग का कहना है कि इन पर अंकुश लगाने के लिए चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस को अग्रणी भूमिका निभानी होगी तभी इन पर अंकुश लगाया जा सकता है।